भजन-96
सतगुरु ऐसा
रंग दो मन प्रेम में रंग जाए
इस रंग में
रंग करके भव सागर तर जाए
1.
एहसान न भूलेंगे सतगुरु जी तुम्हारे हम
हर हालत में भगवन देखे प्रेम नज़ारे
हम
दो ज्ञान प्रभु ऐसा दिल में घर कर
जाए
इस रंग में रंग करके........
2.
होठों पे लगा रहे तेरे नाम का ही प्याला
मस्ती में मैं झुमु बन करके मतवाला
सच्ची दौलत पाकर भूल जग की खबर जाए
इस रंग में रंग करके........
3.
हर सत्संग में सतगुरु हो चर्चा तुम्हारा ही
जिस ओर नजर फेरु हो तेरा नजारा ही
इक तेरी लगन हो बस सब जग की फिक्र
जाए
इस रंग में रंग करके........
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