भजन-75
मेरे सतगुरु यही उपकार कीजिये
अपने चरणों का प्रभु जी प्यार दीजिये
1. तेरे चरणों
का प्यार सदा मन में रहे
तेरी सेवा की लगन मेरे तन में रहे
ऐसी कृपा मेरी स्वीकार कीजिये अपने चरणों
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2. बिना तेरे
चरणों के प्रभु ठोर ना कोई
तेरे जैसा सहाई प्रभु और ना कोई
शरण अपनी लगा के भव पार कीजिये अपने
चरणों.......
3. प्रभु समरथ
तू जैसा चाहे सो करे
पड़े तेरी जो नजर तो ये जीव तरे
दया दृष्टि दास पर, हर बार कीजिये अपने
चरणों ............
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