Wednesday, December 23, 2020

51. दर पे तेरे है झोली

 

भजन-51

 

दर पे तेरे है झोली पसारी

बख्शों प्रभु अपनी भक्ति ये प्यारी

 

1. श्रद्धा से जो भी तेरे दर पे है आता

भरते हो उसकी झोली ऐ मेरे दाता -2

भक्ति के सतगुरु तुम हो भण्डारी बख्शों प्रभु...........

 

2. भक्ति है सारे सुखों की खानी

भक्ति से है जाती संवर जिंदगानी

जीवन की महके सदा फुलवारी बख्शों प्रभु...........

 

3. भक्ति से जिसने लीव है लगाईं

चौरासी से उसने मुक्ति है पाई

वाणी ये सब संतों ने उचारी बख्शों प्रभु...........

 

 

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