भजन-72
गुरुदेव की
किरपा कमाल हो गई
एक दृष्टि
से सृष्टि निहाल हो गई
1.
रहमत की नजर सबपे करते,
भक्ति धन से है झोलियाँ भरते
दिन रात यहाँ रहमत की बरसात हो रही
एक दृष्टि.............
2.
अपने तन पर है कष्ट उठाते
प्रेमियों को है सुख पहुँचाते
खुद एक पल का भी चैन लेते नहीं, इनके दिल में दया ही दया है भरी
गुरुदेव की.............
3.
दास महिमा क्या गा के सुनाये
वारी चरणों में सदके जाए
इन जैसा कोई और हितैषी नहीं, हो सकता
सारे जग में कही
गुरुदेव की............
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