भजन -93
मेरे
सतगुरु तुम्हे हर दम मेरा मन याद करता है
सुंदर
मुखड़ा वो नुरानी आँखों में सबकी बसता है
1.
कैसे हम भूल सकेगे, वो प्यारी प्यारी तेरी यादे
हीरे जैसी वो प्यारी आँख्ने मीठी
मीठी वो तेरी बाते
हर एक दिल की धड़कन में, साज तेरे
प्यार का बजता है
मेरे सतगुरु......
2.
तेरा दीदार है प्यारा, दवा हर एक दुखड़े की
कशिश ऐसी है है दाता, तेरे नुरानी
मुखड़े की
झलक एक बार जो देखे फिदा तन मन वो
करता है
मेरे सतगुरु.............
3.
सजा के मन के मंदिर को, तुम्हे इसमें बिठाऊँ मैं
करूँ सुमिरन तेरा पूजन, तुम्हे नित
ही रिझाऊँ मैं
तमन्ना दिल में हर दम ही ये दासन दास
करता है
मेरे सतगुरु..............
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