भजन
-69
मेरी तकदीर जागी
है मिला दरबार तुम्हारा है
कमी फिर क्या रखी
बाकी दिया तूने सहारा है
1.
ठोर चरणों की दी तूने किया आजाद है जग से
करूँ
कैसे मैं शुकराना किया उपकार भारा है
मेरी
तकदीर जागी...........
2.
ख़ुशी सच्ची का पाया है खजाना तेरे चरणों
में
झुकाया
सिर जो चरणों में गया गम भूल सारा है
मेरी
तकदीर जागी...........
3.
नशा इसका अनोखा है पिलाया जाम जो तूने
मेरे हर
रोम के अंदर तेरा जलवा ही प्यारा है
मेरी
तकदीर जागी...........
4.
तेरे इस दास की सतगुरु फ़कत इतनी तमन्ना है
रहे कायम
युगों युग तक श्री दरबार प्यारा है
मेरी तकदीर
जागी...........
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