Wednesday, December 23, 2020

89. तेरे दर उत्ते दामन बिछाया

 

भजन -89

 

तेरे दर उत्ते दामन बिछाया, के दाता मेरी झोली भर दे

तेरे चरणा च सिर नू झुकाया, के दाता मेरी झोली भर दे

 

1.     मेरे दिल विच सदा ऐहो ही आस है

प्यार तेरा पावां मेरी आत्मा दी प्यास है

तेरे दर ते सवाली बन के आया के दाता मेरी झोली भर.........

 

2.     कमी नहीं कोई तेरे भरे ने भंडारे

खाली ना लौटाया जेड़ा आया तेरे द्वारे

मुँह मंगया ही वर असा पाया के दाता

 

3.     रहमता दे वाली मेरे शंहशाह हजूर जी

नित -२ प्रेम वाला बक्शों सरुर जी

तेरा प्रेम मेरा सरमाया के दाता मेरी........

 

4.     दासन दास दी ऐहो अरजोई

जग विच तेरे बिना, साडा ना कोई

दे दो अपने ही चरणों दा साया के दाता मेरी........

 

 

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