भजन-86
आये है जग
में सतगुरु सोये जीवों को जगाने है
अपनी कृपा
से प्रभु जी भक्ति की राह दिखाने
1. दुखियों की टेर सुनके संत
रूप अवतार लेते
रहमत का अपनी सतगुरु सबको आधार देते
करते है प्रेम सबसे क्या अपने क्या
बेगाने आये है जग........
2.
संतों को प्यारा परहित हर पल करे भलाई
ऐसी प्रेमाभक्ति की है कलि में शमा
जलाई
आये है सबके दिल में ये जोत जगमगाने
आये है जग............
3.
दासा खुदी मिटा के सतगुरु की शरण आना
दुनिया की प्रीत तज के सतगुरु से नेह
लगाना
आये हितैषी सतगुरु भव सिन्धु से तराने आये है जग..........
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