भजन -9
विनती है प्रभु आप मेरी मान लीजिये
भक्ति का मुझे अपनी प्रभु दान दीजिये
1. दुनियां की किसी चीज की मुझको नहीं है चाह
तेरी जुस्तजूं हो दिल में सदा अहसान कीजिये
विनती
है .........
2. सोया रहूँ मैं रात दिन तेरे ही प्यार में
चरणों
की ख़ाक बन के रहूँ वरदान दीजिये विनती.....
3. तेरी बंदगी हो काम मेरा और लब पे नाम हो
तुझसे
रहूँ ना दूर मैं, मुझे थाम लीजिये विनती.........
4. आता रहूँ मैं आपकी महफिल में बार-2
प्रेमी
तेरा हूँ दूर से पहचान लीजिये विनती...........
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