भजन-95
स्वांसों
में सिमरन करूँ तेरा नाम मुझे ऐसा वर दीजिये
आँखों में
अंकित छवि का हो ध्यान, सुख ये अमर दीजिये
1. कुछ भी ना मांगू चाहूँ तेरी
भक्ति
शक्ति ये दे दो सिखा दो ये युक्ति
सेवा में रत हो ये मन आठो याम मुझे ऐसा वर..........
2. हर शुभ कर्म मैं हमेशा कमाऊं
कुमार्ग में हरगिस न कदम टिकाऊं
ऐसी समझ देना रुह का ये ज्ञान मुझे
ऐसा वर........
3.
दास के सर हो रहमत का साया
छु ना सके जग की परपंच माया
दया दृष्टि रखना मेरे भगवान मुझे ऐसा
वर...........
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