Wednesday, December 23, 2020

4. छवि है प्यारी रूप सलोना

 

भजन -4

 

छवि है प्यारी रूप सलोना मनमोहक है नजारां

ऐसा सतगुरु मेरा हाँ ऐसा सतगुरु मेरा

 

1. मुस्कान प्रभु की प्यारी है दिलों को शीतल करती

दो प्यारे- प्यारे नैना दिल सबका है मोह लेते

तो बोलो वारी जाये अपने प्रभु पावन रूप निराला ऐसा.............

 

2. मेरे गुरां दी शान निराली ऐतां सब जग दा है वाली

तेरे नाल लगन है लगी तेरी प्रीत है सब तो वखरी

जय हो मेरे सतगुरु प्यारे की

 

3. जब वचन प्रभु फरमाये सुरती एकाग्र हो जाये

अमृत रस वचनों में घोले मोह जाल से हमें बचायें

तो बोलो वारी जायें अपने प्रभु पावन रूप निराला ऐसा.............

 

4. दर्शन करके आये हम मस्ताने जी

दिल विच खुशियों दे है अजब नजारें जी

 

 

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