भजन-85
सतपुरुषों
का पावन दर है, नाम से झोली भर लो जी
कण -२ में
यहाँ अमृत बरसे मन को निर्मल कर लो जी
1. मानसरोवर है भक्ति का, हंस
यहाँ पर आते है
सतगुरु जी का दर्शन पाकर अपने भाग
मनाते है
सत्संग की नौका में बैठकर भव से पार
उतर लो जी
मन को निर्मल कर लो जी सतपुरुषों
का..........
2.
कई जन्मों से प्यासी रहे गुरु चरणों में आती है
सतगुरु जी तेरा दर्शन पाकर अपनी
प्यास बुझाती है
प्रभु नाम से प्रीत लगा कर दुखड़े
अपने हर लो जी
मन को निर्मल कर लो जी सतपुरुषों
का.........
3.
कलि काल में श्री सतगुरु जी परमार्थ हित आते है
मोह माया से जीव छुड़ा कर सच्चा पथ
दर्शाते है
भागों से प्रभु दर ये मिला है
श्रद्धा मन में भर लो जी
दासा भाग मना लो जी सतपुरुषों का..........
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